मूसेवाला के आखिरी पलों की कहानी: पीछा नहीं छोड़ रहीं गाड़ियों को देख सिद्धू को हो गया था खतरे का एहसास, साथ बैठे दोस्तों से बराबर कहते रहे यह बात
Sidhu Moose Wala Last Story
Sidhu Moose Wala Last Story : 29 मई, दिन रविवार, शाम का समय.... पंजाबी सिंगरों में बेहद हिट सिद्धू मूसेवाला अपनी थार कार में अपने दो दोस्तों के साथ खुशी-खुशी घर से निकलते हैं| इस बात से बिलकुल अंजान कि आने वाले रास्ते में मौत उन्हें अपने आगोश में लेने को तैयार बैठी हुई है और अब वह कभी भी घर नहीं लौटेंगे| अब वह कभी भी अपने मां-बापू से नहीं मिल सकेंगे| और ऐसा ही हुआ जब सिद्धू अपने घर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर पहुंचे तो उनके साथ मौत ने अपना खेल कर दिया| हंसते-हंसाते सिद्धू अब कभी न कुछ बोलने वाले थे और न ही लौटकर घर जाने वाले थे| अब उनके घर अगर कुछ लौट रहा था तो वो था उनका शव|
बतादें कि, सिद्धू की जिंदगी का मौत ने बड़ा लम्बा पीछा किया तब जाके वह कहीं सिद्धू को अपने आगोश में ले पाई| दिल तो तब दहल जाता है जब सिद्धू की जिंदगी के सामने अचानक मौत ने तांडव शुरू कर दिया| सिद्धू के सामने वो स्थिति क्या रही होगी ये सोचकर कलेजा कांप उठता है| बतादें कि, सिद्धू मूसेवाला को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया गया| बदमाशों ने बड़ी ही निर्ममता के साथ सिद्धू की दर्दनाक हत्या की| सिद्धू मूसेवाला महज 28 साल के थे|
मौत से पहले सिद्धू को हो गया था खतरे का एहसास.....
फिलहाल, अब सिद्धू तो कभी लौटकर नहीं आने वाले लेकिन उनकी जिंदगी के आखिरी पलों में क्या-क्या हुआ? यह जानकर आप काफी इमोशनल जरूर हो जायेंगे! बतादें कि, सिद्धू की जब हत्या की गई तो उनके साथ उनके दो दोस्त मौजूद थे| घटना में इन दोनों दोस्तों को भी गोली लगी लेकिन यह बच गए और इनका इलाज अस्पताल में चल रहा है| अब सिर्फ यही दोनों दोस्त सिद्धू के आखिरी पलों के गवाह हैं| मिली जानकारी के मुताबिक, इन दोस्तों ने बताया है कि जब सिद्धू के साथ वह घर से निकलें तो जो गाड़ियां पीछा कर रहीं थीं| उन्हें देखकर सिद्धू को शक होने लगा था| धीरे-धीरे सिद्धू को खतरे का पूरा एहसास हो गया| वह जान गए थे कि कुछ होने वाला है|
दोस्तों ने बताया कि खतरे को महसूस करने के बाद सिद्धू बार-बार यही कहते जा रहे थे कि घबराओ मत हौंसला रखो| इस बीच सिद्धू ने पिस्टल निकाल ली जो कि वह हमेशा साथ रखते थे लेकिन अफसोस जब बदमाशों ने गोलीबारी की तो जवाबी कार्रवाई में सिद्धू की पिस्टल में सिर्फ दो ही गोलियां थीं| हालांकि, सिद्धू ने साहस दिखाते हुए दोनों गोलियों से दो राउंड फायर किये लेकिन सामने हथियारों से लैस बदमाशों के सामने इन दो गोलियों से भला क्या होने वाला था| अब तो सिद्धू के सामने मौत के अलावा और कुछ नहीं था| आखिर में बदमाशों ने सिद्धू पर तड़-तड़-तड़-तड़ गोलियां दागनी शुरू कर दीं| बदमाशों ने सिद्धू को मिनटों में छलनी कर डाला| स्थिति का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि बदमाशों ने सिद्धू को सीट से हिलने तक का मौका नहीं दिया| सिद्धू सीट पर बैठे के बैठे रह गए|
बदमाश भागने में सफल रहे .....
वहीं, सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर बदमाश मौके से भागने में सफल रहे| बताते हैं कि सिद्धू की हत्या में काफी एडवांस बंदूकों का इस्तेमाल किया गया| इसमें से रूस द्वारा बनाई गई एक बन्दूक AN-94 का नाम आ रहा है| बतादें कि, बदमाशों ने सिद्धू का पीछा किसकदर किया, वारदात से पहले इसका एक CCTV वीडियो भी सामने आया है| सिद्धू की हत्या की जिम्मेदारी पंजाब के टॉप मोस्ट गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई गैंग ने ली है| लारेंस बिश्नोई गैंग के कनाडा बेस्ड गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला को मरवाया है|